
ऐसे में उन्हें अवॉइड करें और डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। ये हैं कुछ टिप्स जिनसे बच्चों में हरि सब्ज़ियां खाने की आदत डलेगी।
डिलीवरी के बाद मां जो खाती है, बच्चा भी मां के दूध के ज़रिए वही सब खाता है। इसीलिए, कहते हैं कि मां को हरि सब्ज़ियां ज़रूर खानी चाहिए, ताकि बच्चा बड़े होकर तंग ना करे और वो भी फल और सब्ज़ियां खुश होकर खाए। लेकिन, कुछ ऐसी सब्ज़ियां भी हैं, जिनसे बच्चे के पेट में दर्द हो सकता है। ऐसे में उन्हें अवॉइड करें और डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। ये हैं कुछ टिप्स जिनसे बच्चों में हरि सब्ज़ियां खाने की आदत डलेगी।
1- ब्रेस्ट मिल्क के साथ ही अलग-अलग फ्लेवर्स ट्राय करें
डॉक्टर्स की मानें तो ब्रेस्टफीडिंग के दारौन मां जो भी खाती है, उसका फ्लेवर बच्चे को दूध में मिलता है। कई स्टडीज़ में भी पाया गया कि फीडिंग मदर जो खाती है, बच्चा ब्रेस्टफीड के दौरान वही फूड एंजॉय करता है। इसलिए, ज़रूरी है कि महिला डिलीवरी के बाद अपनी डाइट को ग्रीन वेजिटेबल्स के ज़रिए हेल्दी रखे, ताकि बच्चा जब बड़ा हो तो वो सब कुछ खाए।
2- बच्चों का पहला फूड ही ग्रीन वेजिटेबल्स बनाएं
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स के मुताबिक, जब बच्चे को 6 महीने के बाद नया फूड इंट्रोड्यूस कराते हैं, तो ये वेजिटेबल्स होनी चाहिए। सब्ज़ियों को उबालकर, फिर उन्हें अच्छे से पीसकर बच्चे को यह खिला सकते हैं। दिन में एक बार बच्चे को सब्ज़ियां पतली करके चम्मच से खिलाएं, धीरे-धीरे उसे इसकी आदत हो जाएगी। बाद में बच्चा जब बड़ा हो जाए, तो धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ा दें।
3- नाइट्रेट लेवल के बारे में सोचें
मिट्टी, पानी और खाद में मौजूद नाइट्रेट सब्ज़ियों में भी नेचुरली आ जाता है। पालक, गाजर और ग्रीन बीन्स में इसकी मात्रा सबसे अधिक होती है। वैसे तो 6 महीने का बच्चा नाइट्रेट्स को डाइजेस्ट कर लेता है, लेकिन फिर भी बेहतर है कि आप एक ही बार में उसे बहुत ज़्यादा ना खिलाएं। आप चाहें तो बाज़ार में मिल रहा वेजिटेबल्स फ्लेवर वाला बेबी फूड भी ट्राय कर सकते हैं। बेहतर यही योगा कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें, खासकर की तब जब बच्चे को पेट में एसिड कम बनने की दवाई भी दी जा रही हो।
4- बच्चे को गैस बनाने वाली सब्ज़ियां ना दें
फूलगोभी, ब्रोकोली, बंदगोभी और बीन्स ऐसी सब्ज़ियां हैं जो गैस बनाती हैं। इससे बच्चे का पेट दर्द भी हो सकता है। अगर ऐसा है, तो बच्चे को पहले थोड़ा बड़ा होने दें या फिर किसी भी एक सब्ज़ी को आलू के साथ मिक्स करके खिलाने की कोशिश करें।
5- बेबी के एक्सप्रेशन्स इग्नोर करें
जब आप बेबी को पहली बार पालक का सूप पिलाने जाओगे, तो वो चेहरे बनाएगा। ऐसे में आपको ध्यान रखना है कि आप उसको प्रेरित ना करें। वो नापसंद के एक्सप्रेशन्स देता भी है, तो आप हंसकर कहें कि बहुत टेस्टी है। वो इस सूप को ज़रूर पिएगा। डॉक्टर्स कहते हैं कि बेबी फेस बनाते-बनाते भी खा लेते हैं। इसीलिए, ट्राय करना बंद मत करें।
6- सब्ज़ी के बाद मीठा फल खिलाएं
दरअसल, बच्चों को मीठी चीज़ बहुत पसंद है और हरि सब्ज़ियां उन्हें मीठी नहीं लगतीं। ऐसे में अगर आप थोड़ी सी सब्ज़ी खिलाने के कुछ देर बाद उन्हें मीठा फल खिलाओगे, तो उन्हें खाने में मज़ा आएगा।
7- सब्ज़ियां हर रोज़ खिलाएं
जब बच्चा आठ या नौ महीने का हो जाता है, तो उसका टेस्ट भी डेवलप होना शुरू हो जाता है। इसीलिए, डॉक्टर्स कहते हैं कि बच्चा जितने भी नखरे करे, उसे हर रोज़ थोड़ी-थोड़ी ग्रीन वेजिटेबल्स ज़रूर खिलाएं। एक दिन वो आराम से खाना शुरू कर देगा। कई लोग सब्ज़ियों में गाजर मिक्स कर देते हैं, क्योंकि इससे सब्ज़ी मीठी हो जाती है और फिर बच्चे खुश होकर खा लेते हैं।
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