
स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, मां का दूध बच्चे के समुचित विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। हालांकि पहली बार मां बनने पर हर महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मां का दूध बच्चे के लिए अमृत की तरह होता है। यह दूध नवजात को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है। इस प्रक्रिया को स्तननपान या ब्रेस्टफीडिंग कहा जाता है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग करने के पहले और बात में कई बातों का खयाल रखना भी जरूरी है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले और बाद किन बातों का खयाल रखना चाहिए। प्रसव के बाद किसी भी महिला के लिए अपने बच्चे को दूध पिलाना एक सुखद अनुभव होता है। साथ ही स्तनपान करवाना बच्चे और मां दोनों के स्वास्थ्य लिए लाभदायक होता है। ब्रेस्ट फीडिंग करवाने से महिला को स्तन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा काफी कम हो जाता है और इसके साथ ही उसके स्तन पुराने आकार में आ जाते हैं। वहीं, शिशु को मां के दूध से कई प्रकार के पौष्टिक तत्व मिलते हैं।
कई महिलाएं अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं करवातीं। उन्हें लगता है कि इससे उनके ब्रेस्ट का आकार खराब हो जाएगा। लेकिन यदि आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इन बातों का ध्यान रखेंगी तो आपको ऐसी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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स्तनपान करवाते वक्त इन बातों का ख्याल जरूर रखें-
प्रसव के बाद आपको बहुत टाइट ब्रा नहीं पहननी चाहिये, इससे बच्चे को दूध पिलाने में परेशानी होगी। साथ ही ब्रेस्ट पर पसीने की वजह से रैश बड़ जाएगे और खुजली होने लगेगी। इसके लिए आरामदेह ब्रा पहननी चाहिए। सूती ब्रा जिसमें मुलायम इलास्टिक लगी हो और जो आगे से खोली जा सके पहनना ज्यादा सही रहेगा।
बच्चे को दूध पिलाने के बाद ब्रेस्ट को बेबी वाइप से पोछना चाहिये। इसके अलावा ब्रेस्ट को नारियल तेल, बेबी लोशन से मसाज करने से वह ढीले नहीं पड़ेगे। आपके ब्रेस्ट पर लगा हुआ बच्चे का थूक या फिर दूध भी फायदेमंद हो सकता है। इनसे भी मालिश कर सकती हैं, यह जर्म फ्री और प्राकृतिक होता है।
ब्रेस्ट में अगर चोट लग जाए तो उसके जलन या खुजली को मिटाने के लिए निप्पल पर घी लगा सकती हैं। इसके अलावा यह फटे हुए निप्पल का भी आसान उपाय है।
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आप अपने ब्रेस्ट के बालों को हेयर रिमूविंग क्रीम से खुद साफ कर लें। क्योंकि कभी-कभी बच्चे दूध पीते वक्त ब्रेस्ट का बाल उखाड़ लेते हैं।
ब्रेस्टाफीडिंग लगभग 6 महीने के बाद भी चलती रहती है, उस वक्त तक बच्चों के थोड़े दांत भी निकल जाते हैं। जिससे वह ब्रेस्ट पर अपने दांत भी चला देते हैं। बच्चे को सही से दूध पीलाना सिखाएं। ब्रेस्ट में शहद लगा दें जिससे बच्चे अपना मुंह कहीं और न ले जाएं।
ब्रेस्टफीडिंग के कारण ब्रेस्ट लटक ना जाएं इसके लिए खास फेसमास्क लगाएं और जब वह सूख जाए तब निकाल दीजिये। ध्यान रहे की निप्पल पर यह मास्क न लगाएं। ब्रेस्ट को शेप में रखने के लिए इलास्टिक सूती टी शर्ट वाले कपड़े पहने।
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- ब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले
- ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद
- कैसे कराएं ब्रेस्टफीडिंग
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