
Ayurvedic medicine for joint pain: गठिया का उपचार करना आसान है। गठिया में परहेज कर दर्द को कम किया जा सकता है।
गठिया या अर्थराइटिस की समस्या तब होती है जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में यूरिक एसिड ज्वाइंट्स (जोड़ों) पर इकट्ठा होने लगते हैं और उन्हें चारो ओर से पूरी तरह से जकड़ लेते हैं जिसके चलते गठिया रोग का विकास होता है। यह रोग आमतौर पर अधिक उम्र के लोगों में दिखाई देता है, मगर आजकल यह कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर रहा है। आयुर्वेद के अनुसार, गठिया रोग से बचाव के लिए आपको कई चीजों का परहेज करने की आवश्यकता होती है, जिसे जानकारी के आभाव में लोग नहीं कर पाते हैं, जिसके चलते लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गठिया के मरीजों को क्या परहेज करना चाहिए?
- आयुर्वेद के अनुसार, गठिया के मरीजों को टमाटर नहीं खाना चाहिए क्योंकि टमाटर के बीजों में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है। जो जोड़ों में जमा होकर जोड़ों में दर्द का कारण बनता है।
- मोटापा भी अर्थराइटिस के दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ सोयाबीन ऑयल या सूरजमुखी आदि तेलों को न खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें वसा की मात्रा अधिक होती है। इससे ज्वाइंट्स में सूजन पैदा हो सकती है।
- जिन्हें गठिया रोग है उन्हें चीनी खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसका ज्यादा सेवन करने से वजन बढ़ने का खतरा अधिक होता है। इससे गठिया का दर्द बढ़ सकता है।
- अर्थराइटिस के रोगियों को कैफीन या कॉफी से दूर बनाकर रखना चाहिए। दरअसल, यह शरीर को डीहाइड्रेट करता है, जिससे दर्द की संभावना बढ़ जाती है। कैफीन शरीर के पोषक तत्वों को सोख लेता है।
- गठिया के मरीजों को घोंघा के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद प्यूरीन शरीर में जाकर यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है।
गठिया के दर्द का घरेलू उपचार
नींबू
आपको यह बात जानकर हैरानी हो सकती है कि नींबू का रस गठिया के दर्द को कम करता है। नींबू के रस को प्रभावित जगह पर मसाज करने से सूजन और जोड़ों का दर्द खत्म हो जाता है।
एलोवेरा
प्राचीन काल से ही एलोवेरा को प्रयोग औषधि के तौर पर किया जाता रहा है। इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले आप एलोवेरा को बीच से फाड़ लीजिए और उसके अंदर के जेल को बाहर निकालकर दर्द वाली जगह पर लगाएं। नियमित रूप से लगाने पर दर्द ठीक हो सकता है।
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मेथी
मेथी एक औषधीय पौधा है। सबसे पहले इसके पत्तों को देसी घी में भून लें। इसके बाद इन्हें पीसकर उसमें मिश्री मिलाएं और मिश्रण की छोटी-छोटी गोली बनाकर तैयार कर लें। उन्हें रोजाना सुबह शाम खाएं।
लहसुन
लहसुन का प्रयोग आयुर्वेदिक उपचार के लिए किया जाता है। रोजाना एक से दो कली लहसुन का सेवन करने से या लहसुन को शहद में भिगोकर खाने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है।
पानी
पानी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यदि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक है तो आपको भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए इससे यूरिक एसिड पेशाब के साथ बाहर निकल जाएगा। इससे गठिया की संभावना कम हो जाती है।
इनपुट्स: डॉक्टर आकांक्षा, बीएचएमएस (ज्वाइंट पेन एक्सपर्ट)
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