
एचआईवी पीड़ितों के लिए एक ऐसी दवा की खोज कि गई जो चार दवा को मिलाकर तैयार की गई है। इस दवा के अपयोग के बाद यह कहा जा रहा है कि यह रोगियों के लिए सुरक्षित व प्रभावशाली भी है।
एचआईवी पीड़ितों के लिए एक ऐसी दवा की खोज कि गई जो चार दवा को मिलाकर तैयार की गई है। इस दवा के अपयोग के बाद यह कहा जा रहा है कि यह रोगियों के लिए सुरक्षित व प्रभावशाली भी है। क्लीनिकल ट्रायल में पता चला कि चार दवा की एक गोली या ‘क्वैड’ तेजी से काम करता है और सामान्यतया इस्तेमाल किए जाने वाली दो दवाइयों की तुलना में इसके दुष्प्रभाव भी कम हैं।
एचआईवी मरीजों को दवा नहीं लेने पर तुरंत ही संक्रमण फैलने की आशंका रहती है और इसके कारण उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो सकती है। ‘द लांसेट’ में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो बड़े प्रयोगों के परिणामों से पता चला है कि यह गोली उपचार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
‘डेली मेल’ ने शोध की अगुवाई करने वाले हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, ब्रीघम एंड वीमेंस अस्पताल के पॉल सैक्स के हवाले से कहा कि अध्ययन से पता चला है कि अगर रोगी कई गोली के स्थान पर इस एक गोली का सेवन करेगा तो वह एचआईवी के संक्रमण से बच सकेगा।
शोध से पता चला कि एक गोली के उपचार से मरीज को भी संतुष्टि और आराम मिलता है और इससे गलती की आशंका भी कम हो जाती है। जीलीड साइंसेज ने एलविटेग्रावीर, कोबीसीस्टेट, एमट्रेसिटाबाइन और टेनोफोविर डिसोप्रोक्सिल फ्यूमरेट से यह गोली तैयार की है।
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