
इस लेख में जानें कि क्यों फैलता है चिकनगुनिया रोग और क्या हैं इस रोग के सामान्य लक्षण। इसके साथ ही चिकनगुनिया से बचाव के लिए जरूरी टिप्स भी जानेँ।
चिकनगुनिया वायरस के जरिये फैलने वाली एक बीमारी है। ये वायरस एडीज मच्छर द्वारा फैलाया जाता है। चिकनगुनिया को कुछ लोग यलो फीवर (Yellow Fever) भी कहते हैं। आमतौर पर मच्छर बारिश के मौसम में दस्तक देते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं। मच्छरों से फैलने वाली अन्य बीमारियां डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और जीका वायरस आदि हैं। इनमें से ज्यादातर बीमारियों में एक जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं, जबकि सभी बीमारियां अलग-अलग वायरसों के कारण होती हैं।
चिकनगुनिया एक खतरनाक बीमारी है। इलाज के बाद भी इसके लक्षण कई सालों तक मरीज को परेशान कर सकते हैं। इसलिए इस बीमारी से बचाव बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते हैं चिकनगुनिया के फैलने का क्या कारण है और कैसे कर सकते हैं इस बीमारी से बचाव।
कैसे फैलता है चिकनगुनिया
चिकनगुनिया के वायरस को बुगी क्रीक वायरस भी कहा जाता है। यह संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है। मच्छर में मौजूद एल्फा वायरस इस बुखार के फैलने की सबसे बड़ी वजह होता है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जो यह बात प्रामाणित करे कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलती हो। यानी यह रोग छूने या साथ रहने से नहीं फैलता है, बल्कि संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से फैलता है।
एडिस मच्छर जब संक्रमित व्यक्ति को काटते हैं, तो उसके खून के माध्यम से ये वायरस मच्छर के शरीर और डंक में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो उसमें भी चिकनगुनिया के वायरस फैल जाते हैं। इस तरह ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है।
चिकनगुनिया के लक्षण
- चिकनगुनिया होने पर व्यक्ति को ठंड लगकर तेज बुखार आता है।
- बुखार के साथ-साथ पूरे शरीर में दर्द होता है।
- सिर दर्द
- चक्कर आना
- दस्त होना और शरीर में पानी की कमी हो जाना
- उल्टी होना
- शरीर पर लाल चकत्ते हो जाना
मच्छरों से जरूरी है बचाव
चिकनगुनिया के वायरस को सीएचआईकेवी नाम दिया गया है। यह वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। मच्छर पहले एक को काटता है और उसके बाद स्वस्थ व्यक्ति को। इस तरह स्वस्थ व्यक्ति भी इस बीमारी से ग्रस्त हो जाता है। मुख्य रूप से मच्छर वायरस के लिए एक वाहक का काम करता है। यह मच्छर आमतौर पर घरों और उसके आसपास के इलाकों में ही पनपता है और आमतौर पर मच्छर दिन के वक्त ही काटता है।
घरों और आसपास, ऑफिस और स्कूलों और उसके आसपास के इलाकों में जमा पानी में यह मच्छर पनपता है। इस मच्छर की खास बात यह है कि यह साफ पानी में पनपता है।
चिकनगुनिया से कैसे बचें?
- घरों या अपने आसपास के इलाकों में पानी जमा न होने दें।
- घर और आसपास के इलाके में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, फॉगिंग, इन्सेक्टिसाइस वगैरह मच्छर मारने वाली दवाओं का इस्तेमाल करें।
- घरों में कूलर को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें। अगर ऐसा करना संभव न हो, तो आप उसमें सप्ताह में एक बार एक बड़ा चम्मच पेट्रोल का डाल सकते हैं।
- पूरी बाजू की शर्ट पहनें।
- छत पर रखे बेकार के टायर, गमलों और अन्य जगहों पर पानी जमा न होने दें।
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