
गर्भावस्था में मलेरिया, खासकर पहली बार गर्भधारण के दौरान मलेरिया काफी खतरनाक स्थितियां भी पैदा कर सकता है।
जब भी कोई महिला बीमार पड़ती है तो उसे सिर्फ अपना देखभाल करने की जरूरत होती है लेकिन जब बात हो गर्भवती महिला की तो ऐसे में महिला को अपने और अपने बच्चे दोनों की देखभाल जरूरी हो जाती है। आमतौर पर तो गर्भवती महिलाएं अपनी देखभाल करती ही हैं लेकिन जब वे किसी गंभीर बीमारी की शिकार हो जाती है तो उन्हें अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। क्योंकि ये सिर्फ मां के स्वास्थ्य की ही बात नहीं होती बल्कि बच्चे को जीवनभर स्वस्थ रखने की भी बात है।
गर्भावस्था में मलेरिया होने पर मां को न सिर्फ अपनी अच्छी देखभाल करनी चाहिए बल्कि मलेरिया बुखार को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए। आइए जाने गर्भावस्था में मलेरिया की चिकित्सा कैसे करें।
- जहां कहीं भी मलेरिया फैला हुआ है उस क्षेञ की गर्भवती महिलाओं को मलेरियारोधी उपचार लेकर मलेरिया से अपना बचाव करना चाहिए या फिर मलेरिया रोधी गोलियों का सेवन करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को मलेरिया के कारण सामान्य महिलाओं से अधिक कठिनाई होती है। गर्भावस्था में मलेरिया खासकर पहली बार गर्भधारण के दौरान मलेरिया काफी खतरनाक स्थितियां भी पैदा कर सकता है।
- गर्भावस्था में बुखार होने से गंभीर रूप से एनीमिया भी हो सकता है।
- मलेरिया बुखार से गर्भपात हो सकता है या फिर समयपूर्व प्रसव या बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।
- गर्भवती युवतियों में मलेरिया होने से उनके बच्चों का वजन आवश्यकता से कम होता है साथ ही वे कई बीमारियों या फिर संक्रमण का भी शिकार हो सकते हैं। एनीमिया से ग्रस्तप हो सकते है। इतना ही नहीं ऐसे बच्चों के एक वर्ष तक मृत्यु के चांस भी बने रहते है।
- यदि गर्भवती महिला में मलेरिया के लक्षण और चिह्न दिखाई दे रहे हो या फिर जांच में मलेरिया बुखार साबित हो चुका हो तो उसे डॉक्टसर की सलाह पर तुरंत उपचार देना चाहिए।
- मलेरियाग्रस्त गर्भवती महिला को डॉक्टेर्स से आयरन और विटामिन की पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।
- गर्भावस्थ में मलेरिया का सही उपचार न कराने पर बच्चे का सही तरह से जन्म नहीं हो पाता या फिर डिलीवरी के समय या उसके आसपास मां की मृत्यु भी हो सकती है।
- गर्भावस्था के समय यदि किसी महिला को सामान्य बुखार भी है तो भी मलेरिया की जांच करानी चाहिए। गर्भावस्था में मलेरिया का सही इलाज नहीं होने पर यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
- गर्भवती महिला को अपनी न सिर्फ समय पर दवाईयां इत्यादि लेना चाहिए बल्कि खाना भी हेल्दी और सही समय पर लेना चाहिए।
- घर में व अपने आसपास साफ-सफाई का खासा ध्यान रखना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को मच्छरों के काटने से बचने के लिए नियमित रूप से साफ की जानेवाली मच्छरदानी के नीचे ही सोना चाहिए।
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